Wednesday 27 April 2016

अमर बैटरी: यह बैटरी नहीं, आपकी 'मोबाइल संगिनी' है !


इरविन में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के शोधकर्ताओं ने कुछ और बनाते-बनाते एक ऐसी तकनीक खोज निकाली, जिससे ऐसी बैटरी तैयार की जा सकती है जो ताउम्र आपका साथ दे सकती है। जी हां, आपने सही पढ़ा, यह ऐसी बैटरी है, जिसे कभी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

 हाल ही में पब्लिश हुए एक पेपर में, यूनिवर्सिटी की पीएचडी की छात्रा म्या ली थाई ने बताया कि उनकी टीम ने अत्यंत सुचालक नैनोवायर (जो कि इंसान के बाल से हजार गुना पतला होता है) का प्रयोग किया, जिसकी सतह इलेक्ट्रॉन्स के स्टोरेज और ट्रांसफर को सपॉर्ट करती है।

 लेकिन, नैनोवायर बहुत नाजुक होता है, और टिपिकल लीथियम-आयन बैटरी में उसके टूटने का खतरा रहता है। इसलिए उनकी टीम ने एक गोल्ड नैनोवायर को मैगनीज डाइऑक्साइड शेल का कोट चढ़ाया और उसके बाद उसे प्लेक्सिग्लैस जैसे जेल कोट से कवर किया।

 यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग के चेयरमैन रेजनल्ड पेनर ने बताया कि म्या ने खेल-खेल में वायर को बहुत पतली जेल लेयर से कवर किया और फिर उसे लपेटना शुरू कर दिया। तब उनको पता चला कि केवल इस जेल के यूज से नैनोवायर को हजारों बार लपेटा जा सकता है, वह भी उसकी कपैसिटी से समझौता किए बिना। पेनर कहते हैं कि यह अद्भुत है, क्योंकि ऐसी चीजें अधिकतम 7000 साइकल्स के बाद खराब हो जाती हैं। उन्होंने इस नई बैटरी को 3 महीने तक 2 लाख से ज्यादा बार टेस्ट किया, और पाया कि उसकी क्षमता में जरा भी अंतर नहीं आया 

थाई बताती हैं कि कोटेड इलेक्ट्रोड्स ने इसका शेप रही रखा, जो इसे कहीं अधिक सुविधाजनक और विश्वसनीय विकल्प साबित करता है। इस रिसर्च से यह साबित होता है कि एक नैनोवायर-आधारित बैटरी इलेक्ट्रोड की लाइफ लंबी होती है, और हम इस तरह की बैटरी को हकीकत का जामा पहना सकते हैं। और अगर ऐसा होता है तो हम विभिन्न उपकरणों, कार और प्लेन में यूज होने वाली ऐसी बैटरियां तैयार कर सकते हैं जो जिंदगीभर चलेंगी।

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