इथिकल हैकिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं में उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग व नेटवर्किंग स्किल का होना जरूरी होता है, साथ ही विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम की अच्छी समझ का होना भी काफी मायने रखता है। इसके अलावा कंप्यूटर के हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी भी होना चाहिए। टेक्नोसेवी व गजेट के बारे में अच्छी जानकारी का होना इस क्षेत्र में तरक्की की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है
हैकिंग को लेकर आजकल कई सारे बवाल हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी दरार आ रही है। भारत ने तो चीन पर आरोप तक लगाए कि उसकी कितनी सारी सूचनाएं चीन ने हैक कर ली। इंटरनेट ईजाद के वक्त शायद ही किसी ने इस आशय पर ध्यान दिया हो कि हैकिंग की बला आगे चलकर माथापच्ची और सिरदर्द बन कर उभरेगी। एक तरफ जहां आईटी क्रांति ने ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेस, ई-लर्निग के माध्यम से दुनिया को बदल डाला, वहीं दूसरी तरफ आपराधिक प्रवृत्ति के हैकर ने वेब जगत में गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। इसके कारण सूचना सुरक्षा का मुद्दा एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया है।
इथिकल हैकर की मांग
साइबर अपराध की कई चुनौतियों का सामना करने के लिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञ यानी इथिकल हैकर की मांग में बढ़ोतरी हुई है। इथिकल हैकर द्वारा सकारात्मक तरीके से साइबर सुरक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाते हैं। इंटरनेट पर ई-मेल हैक करना, संवेदनशील डाटा की चोरी, वायरस का प्रहार, पासवर्ड तोड़ना, क्रेडिट कार्ड नंबर की चोरी, कंपनी की गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक करना, वेबसाइट पर अश्लील सामग्री भर देना आदि साइबर अपराधों का झड़ी हैकर द्वारा लगाई जाती रहती है। साइबर आतंक के नए आयाम ने तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इन खतरों से बचने के लिए इथिकल हैकरों की मांग बढ रही है। इथिकल हैकर कंपनी या संगठन की वैधानिक मंजूरी से सिस्टम को सुरक्षित बनाने का काम करता है। वह चोरी से रक्षा के लिए चोर की तरह सोचकर साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाता है। वह सिस्टम की उन कमियों का पता लगाता है, जहां से हैकिंग होने की संभावना होती है।
कई हैं भर्तियां
इंटरनेट पर बढता खतरा लगभग सभी कंपनियों को इन विशेषज्ञों को बहाल करने पर मजबूर कर रहा है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन के आंकड़ों पर गौर करें तो माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो, इन्फोसिस, आईबीएम, रिलायंस, वोडाफोन, आदि ख्यात कंपनियों में विश्व स्तर पर 60000 से यादा इथिकल हैकर की आवश्यकता वर्तमान में है।
नई ऊंचाई पाता यह क्षेत्र
1980 में इथिकल हैकर का इस्तेमाल शुरू हुआ। 90 के दशक में यह जॉब के अच्छे अवसर के रूप में उभरकर सामने आया। वर्तमान में यह एक बूमिंग बिजनेस बना हुआ है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन के मुताबिक सूचना सुरक्षा का कारोबार 2002 में 19 अरब डॉलर का था, जो 2007 में बढ़कर 45 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इंटरनेट के विकास के साथ ही यह सुरक्षा एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है। सरकारी संस्थानों, कॉरपोरेट घरानों, मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर इंडिविजुअल यूजर तक सभी हैकिंग के डर से सहमे रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा विशेषज्ञों के तौर पर इथिकल हैकर का महत्व बढ़ गया है, जो वैधानिक अस्तित्व के साथ साइबर स्पेस में सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है।
वांछित योग्यताएं
इथिकल हैकिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं में उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग व नेटवर्किग स्किल का होना जरूरी होता है, साथ ही विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम की अच्छी समझ का होना भी काफी मायने रखता है। इसके अलावा कम्प्यूटर के हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी भी होना चाहिए। टेक्नोसेवी व गजेट के बारे में अच्छी जानकारी का होना इस क्षेत्र में तरक्की की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है। इस क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ को धैर्यवान होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि कभी-कभी इसमें एक-एक प्रोजेक्ट पर कई दिनों तक काम करना पड़ता है, तब जाकर सफलता मिलती है। मुश्किल समय में उब नहीं आनी चाहिए, क्योंकि वैसे समय में ही चुनौती से जूझने का माद्दा देखा जाता है।
पाठयक्रम
सुरक्षा विशेषज्ञ बनने के लिए कई संस्थानों द्वारा तमाम पाठयक्रम उपलब्ध हैं, लेकिन इसमें प्रैक्टिकल अनुभव यादा मायने रखता है। इसके लिए सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। प्रारंभिक स्तर पर आईसैट लेवल-ओ इन्फॉर्मेशन सिक्युरिटी अवेयरनेस एंड ट्रेनिंग लेवल-ओ एक प्रचलित कोर्स है। कई ख्यात कंपनियों द्वारा भी इथिकल हैकर के लिए अनेक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।
क्या हैं काम
इथिकल हैकर विभिन्न संस्थानों में कंसल्टेंट के रूप में अपनी भूमिका निभाता है, लेकिन यह काम जिम्मेदारियों से पूर्ण है। इसमें गोपनीयता को कायम रखने की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड़ता है। अपने काम के दौरान इथिकल हैकर को कंपनी की तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों से होकर गुजरना पड़ता है, इसलिए सावधानी एवं सचेतता काफी मायने रखती है। जब वह इसका दुरूपयोग करता है तो वह साइबर अपराधी की श्रेणी में आता है, जिसके लिए 10 साल का कारावास भी हो सकता है। इसलिए इस क्षेत्र में ईमानदारीपूर्वक काम करके ही बुलंदियों को पा सकते हैं।
अवसरों की भरमार
इथिकल हैकर की मांग सबसे यादा बैंकिंग तथा फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों में है। इन कंपनियों के सिस्टम को सुरक्षा प्रदान कर इथिकल हैकर इंटरनेट पर सुरक्षित लेनदेन को संभव बनाता है। ई-कॉमर्स की सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां भी इथिकल हैकर को जॉब दे रही हैं। एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, एयरसेल आदि संचार मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा भी इथिकल हैकर को रोजगार दिया जा रहा है। गूगल, याहू आदि वेब कंपनियां भी यूजर की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए इन्हें काम पर रख रही हैं। इन्फोसिस, विप्रो आदि सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनियों द्वारा भी इथिकल हैकर को जॉब दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकारी विभागों तथा प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों की सुरक्षा के लिए भी इथिकल हैकर की मांग बढ़ रही है। साइबर आतंकवाद की नई चुनौती से निबटने के लिए भी पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इथिकल हैकर की सेवाएं ली जा रही हैं।
हो रही है अच्छी कमाई
कई ख्यात कंपनियों में कंसल्टेंट के रूप में इथिकल हैकर को 25 से 30 लाख सालाना तक मिल रहे हैं। वर्तमान में इथिकल हैकर की मांग एवं आपूर्ति में एक बड़ा अंतराल है, इसलिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों को अच्छी तनख्वाह मिल रही है। भारत में शुरूआती दौर में 25 से 30 हजार रूपए मासिक वेतन प्रतिमाह मिल रहा है। कार्य अनुभव तथा योग्यता में बढ़ोतरी के साथ वेतन में भी उसी अनुपात में बढ़ोतरी होती जाती है।
हैकिंग को लेकर आजकल कई सारे बवाल हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी दरार आ रही है। भारत ने तो चीन पर आरोप तक लगाए कि उसकी कितनी सारी सूचनाएं चीन ने हैक कर ली। इंटरनेट ईजाद के वक्त शायद ही किसी ने इस आशय पर ध्यान दिया हो कि हैकिंग की बला आगे चलकर माथापच्ची और सिरदर्द बन कर उभरेगी। एक तरफ जहां आईटी क्रांति ने ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेस, ई-लर्निग के माध्यम से दुनिया को बदल डाला, वहीं दूसरी तरफ आपराधिक प्रवृत्ति के हैकर ने वेब जगत में गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। इसके कारण सूचना सुरक्षा का मुद्दा एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया है।
इथिकल हैकर की मांग
साइबर अपराध की कई चुनौतियों का सामना करने के लिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञ यानी इथिकल हैकर की मांग में बढ़ोतरी हुई है। इथिकल हैकर द्वारा सकारात्मक तरीके से साइबर सुरक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाते हैं। इंटरनेट पर ई-मेल हैक करना, संवेदनशील डाटा की चोरी, वायरस का प्रहार, पासवर्ड तोड़ना, क्रेडिट कार्ड नंबर की चोरी, कंपनी की गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक करना, वेबसाइट पर अश्लील सामग्री भर देना आदि साइबर अपराधों का झड़ी हैकर द्वारा लगाई जाती रहती है। साइबर आतंक के नए आयाम ने तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इन खतरों से बचने के लिए इथिकल हैकरों की मांग बढ रही है। इथिकल हैकर कंपनी या संगठन की वैधानिक मंजूरी से सिस्टम को सुरक्षित बनाने का काम करता है। वह चोरी से रक्षा के लिए चोर की तरह सोचकर साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाता है। वह सिस्टम की उन कमियों का पता लगाता है, जहां से हैकिंग होने की संभावना होती है।
कई हैं भर्तियां
इंटरनेट पर बढता खतरा लगभग सभी कंपनियों को इन विशेषज्ञों को बहाल करने पर मजबूर कर रहा है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन के आंकड़ों पर गौर करें तो माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो, इन्फोसिस, आईबीएम, रिलायंस, वोडाफोन, आदि ख्यात कंपनियों में विश्व स्तर पर 60000 से यादा इथिकल हैकर की आवश्यकता वर्तमान में है।
नई ऊंचाई पाता यह क्षेत्र
1980 में इथिकल हैकर का इस्तेमाल शुरू हुआ। 90 के दशक में यह जॉब के अच्छे अवसर के रूप में उभरकर सामने आया। वर्तमान में यह एक बूमिंग बिजनेस बना हुआ है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन के मुताबिक सूचना सुरक्षा का कारोबार 2002 में 19 अरब डॉलर का था, जो 2007 में बढ़कर 45 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इंटरनेट के विकास के साथ ही यह सुरक्षा एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है। सरकारी संस्थानों, कॉरपोरेट घरानों, मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर इंडिविजुअल यूजर तक सभी हैकिंग के डर से सहमे रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा विशेषज्ञों के तौर पर इथिकल हैकर का महत्व बढ़ गया है, जो वैधानिक अस्तित्व के साथ साइबर स्पेस में सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है।
वांछित योग्यताएं
इथिकल हैकिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं में उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग व नेटवर्किग स्किल का होना जरूरी होता है, साथ ही विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम की अच्छी समझ का होना भी काफी मायने रखता है। इसके अलावा कम्प्यूटर के हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी भी होना चाहिए। टेक्नोसेवी व गजेट के बारे में अच्छी जानकारी का होना इस क्षेत्र में तरक्की की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है। इस क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ को धैर्यवान होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि कभी-कभी इसमें एक-एक प्रोजेक्ट पर कई दिनों तक काम करना पड़ता है, तब जाकर सफलता मिलती है। मुश्किल समय में उब नहीं आनी चाहिए, क्योंकि वैसे समय में ही चुनौती से जूझने का माद्दा देखा जाता है।
पाठयक्रम
सुरक्षा विशेषज्ञ बनने के लिए कई संस्थानों द्वारा तमाम पाठयक्रम उपलब्ध हैं, लेकिन इसमें प्रैक्टिकल अनुभव यादा मायने रखता है। इसके लिए सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। प्रारंभिक स्तर पर आईसैट लेवल-ओ इन्फॉर्मेशन सिक्युरिटी अवेयरनेस एंड ट्रेनिंग लेवल-ओ एक प्रचलित कोर्स है। कई ख्यात कंपनियों द्वारा भी इथिकल हैकर के लिए अनेक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।
क्या हैं काम
इथिकल हैकर विभिन्न संस्थानों में कंसल्टेंट के रूप में अपनी भूमिका निभाता है, लेकिन यह काम जिम्मेदारियों से पूर्ण है। इसमें गोपनीयता को कायम रखने की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड़ता है। अपने काम के दौरान इथिकल हैकर को कंपनी की तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों से होकर गुजरना पड़ता है, इसलिए सावधानी एवं सचेतता काफी मायने रखती है। जब वह इसका दुरूपयोग करता है तो वह साइबर अपराधी की श्रेणी में आता है, जिसके लिए 10 साल का कारावास भी हो सकता है। इसलिए इस क्षेत्र में ईमानदारीपूर्वक काम करके ही बुलंदियों को पा सकते हैं।
अवसरों की भरमार
इथिकल हैकर की मांग सबसे यादा बैंकिंग तथा फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों में है। इन कंपनियों के सिस्टम को सुरक्षा प्रदान कर इथिकल हैकर इंटरनेट पर सुरक्षित लेनदेन को संभव बनाता है। ई-कॉमर्स की सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां भी इथिकल हैकर को जॉब दे रही हैं। एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, एयरसेल आदि संचार मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा भी इथिकल हैकर को रोजगार दिया जा रहा है। गूगल, याहू आदि वेब कंपनियां भी यूजर की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए इन्हें काम पर रख रही हैं। इन्फोसिस, विप्रो आदि सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनियों द्वारा भी इथिकल हैकर को जॉब दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकारी विभागों तथा प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों की सुरक्षा के लिए भी इथिकल हैकर की मांग बढ़ रही है। साइबर आतंकवाद की नई चुनौती से निबटने के लिए भी पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इथिकल हैकर की सेवाएं ली जा रही हैं।
हो रही है अच्छी कमाई
कई ख्यात कंपनियों में कंसल्टेंट के रूप में इथिकल हैकर को 25 से 30 लाख सालाना तक मिल रहे हैं। वर्तमान में इथिकल हैकर की मांग एवं आपूर्ति में एक बड़ा अंतराल है, इसलिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों को अच्छी तनख्वाह मिल रही है। भारत में शुरूआती दौर में 25 से 30 हजार रूपए मासिक वेतन प्रतिमाह मिल रहा है। कार्य अनुभव तथा योग्यता में बढ़ोतरी के साथ वेतन में भी उसी अनुपात में बढ़ोतरी होती जाती है।
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