दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों के ई-मेल अकाउंट और दूसरी वेबसाइटों के हैक किए गए यूजरनेम और पासवर्ड रूस के अंडरवर्ल्ड में बिक रहे हैं। एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से यह दावा किया है।
होल्ड सिक्यॉरिटी के फाउंडर और चीफ इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी ऑफिसर एलेक्स होल्डन ने कहा है कि पता लगाए गए 27.23 करोड़ अकाउंट में रूस की सबसे पॉप्युलर ई-मेल सर्विस Mail.ru की बड़ी संख्या है, गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट के अकाउंट होल्डर्स की कम संख्या है। इसके अलावा चीनी और जर्मन ई-मेल प्रोवाइडर भी शिकार बने हैं।
होल्ड सिक्यॉरिटी के फाउंडर और चीफ इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी ऑफिसर एलेक्स होल्डन ने कहा है कि पता लगाए गए 27.23 करोड़ अकाउंट में रूस की सबसे पॉप्युलर ई-मेल सर्विस Mail.ru की बड़ी संख्या है, गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट के अकाउंट होल्डर्स की कम संख्या है। इसके अलावा चीनी और जर्मन ई-मेल प्रोवाइडर भी शिकार बने हैं।
दो साल पहले अमेरिका के बड़े बैंकों और रिटेलर्स पर बड़ा साइबर अटैक हुआ था। उसके बाद से यह इंटरनेट पर मौजूद गुप्त जानकारियों की सबसे बड़ी चोरी मानी जा रही है। होल्डन इससे पहले भी दुनिया भर में डेटा चोरी करने के सबसे बड़े मामलों का खुलासा कर चुके हैं।
ताजा मामले का खुलासा तब हुआ जब होल्ड सिक्यॉरिटी के रिसर्चरों ने एक युवा रूसी हैकर को एक ऑनलाइन फोरम पर चोरी किए गए डेटा की जानकारी देते हुए पकड़ा। यह हैकर और भी जानकारियां देने को तैयार था, जिनकी संख्या 1.17 अरब अकाउंट तक थी। होल्डन ने कहा, 'वह शख्स यह अहम जानकारी किसी भी ऐसे आदमी को देने को तैयार था, जो हैकर फोरम में उसकी अच्छी साख बना दे।' उन्होंने कहा है कि इन जानकारियों का कई बार दुरुपयोग किया जा सकता है।
होल्डन ने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से वह रूसी युवा इस डेटा को केवल 50 रूबल यानी 1 डॉलर से भी कम कीमत में देने को तैयार था। रॉयटर्स की ओर से Mail.ru को इसकी जानकारी देने पर वहां से जवाब मिला कि वह इस मामले को देख रहे हैं, जैसे ही उन्हें इस बारे में और जानकारी मिलेगी, वह अपने यूजर्स को इस बारे में अलर्ट कर देंगे। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता बताया है और कहा है कि जल्द ही जरूरी कदम उठा लिए जाएंगे। याहू और गूगल ने इस बारे में रॉयटर्स को कोई जवाब नहीं दिया।
होल्ड सिक्यॉरिटी ने 10 दिन पहले इस चोरी का शिकार बने संस्थानों को जानकारी देना शुरू किया था। कंपनी की नीति रही है कि यह रिकवर किए डेटा को काफी कम कीमत पर या लगभग मुफ्त में वापस कंपनियों को उपलब्ध कराती है। होल्डन का कहना है कि यह चोरी किया गया डेटा होता है, हम इसे बेच नहीं सकते हैं।
ताजा मामले का खुलासा तब हुआ जब होल्ड सिक्यॉरिटी के रिसर्चरों ने एक युवा रूसी हैकर को एक ऑनलाइन फोरम पर चोरी किए गए डेटा की जानकारी देते हुए पकड़ा। यह हैकर और भी जानकारियां देने को तैयार था, जिनकी संख्या 1.17 अरब अकाउंट तक थी। होल्डन ने कहा, 'वह शख्स यह अहम जानकारी किसी भी ऐसे आदमी को देने को तैयार था, जो हैकर फोरम में उसकी अच्छी साख बना दे।' उन्होंने कहा है कि इन जानकारियों का कई बार दुरुपयोग किया जा सकता है।
होल्डन ने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से वह रूसी युवा इस डेटा को केवल 50 रूबल यानी 1 डॉलर से भी कम कीमत में देने को तैयार था। रॉयटर्स की ओर से Mail.ru को इसकी जानकारी देने पर वहां से जवाब मिला कि वह इस मामले को देख रहे हैं, जैसे ही उन्हें इस बारे में और जानकारी मिलेगी, वह अपने यूजर्स को इस बारे में अलर्ट कर देंगे। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता बताया है और कहा है कि जल्द ही जरूरी कदम उठा लिए जाएंगे। याहू और गूगल ने इस बारे में रॉयटर्स को कोई जवाब नहीं दिया।
होल्ड सिक्यॉरिटी ने 10 दिन पहले इस चोरी का शिकार बने संस्थानों को जानकारी देना शुरू किया था। कंपनी की नीति रही है कि यह रिकवर किए डेटा को काफी कम कीमत पर या लगभग मुफ्त में वापस कंपनियों को उपलब्ध कराती है। होल्डन का कहना है कि यह चोरी किया गया डेटा होता है, हम इसे बेच नहीं सकते हैं।
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