गूगल को लगता है कि भविष्य में कंप्यूटर का चलन खत्म हो जाएगा। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई के मुताबिक एक दिन कंप्यूटर 'फिजिकल डिवाइस' नहीं रहेंगे। पिचाई ने गुरुवार को पैरंट कंपनी ऐल्फाबेट के शेयरहोल्डर्स को भेजे लेटर में लिखा, 'भविष्य की तरफ देखें तो 'डिवाइस' का कॉन्सेप्ट खत्म हो जाएगा। वक्त के साथ कंप्यूटर (किसी भी रूप में) एक इंटेलिजेंट असिस्टेंट बनकर दिन भर आपकी मदद करेगा।'
भले ही अभी स्मार्टफोन्स की चौकोर टच स्क्रीन पर ज्यादातर ऑनलाइन ऐक्टिविटी हो रही है, मगर पिचाई का मानना है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से बिना आकार वाले कंप्यूटर्स का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा, 'हम मोबाइल-फर्स्ट से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस-फर्स्ट वाली दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं।'
पिचाई एक तरह से अपनी प्लेबुक के बारे में बात कर रहे थे, क्योंकि गूगल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और इससे जुड़ी टेक्नॉलजी पर काम कर रहा है। इसके अडवांस्ड सॉफ्टवेयर पहले से ही गूगल फोटो और गूगल ट्रांसलेट जैसी वेब सर्विसेज़ को चला रहे हैं।
मैजिक लीप नाम की स्टार्टअप के प्रमुख इन्वेस्टर्स में गूगल भी शामिल है। इस स्टार्टअप ने ऑगमेंटेड रिऐलिटी सिस्टम बनाने के लिए 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा फंड इकट्ठा किया है। यह सिस्टम लोगों के आसपास वर्चुअल 3डी तस्वीरें और अन्य जानकारियां दिखा सकता है। संभव है कि पिचाई इसी तरह की टेक्नॉलजी की बात कर रहे थे।
भले ही अभी स्मार्टफोन्स की चौकोर टच स्क्रीन पर ज्यादातर ऑनलाइन ऐक्टिविटी हो रही है, मगर पिचाई का मानना है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से बिना आकार वाले कंप्यूटर्स का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा, 'हम मोबाइल-फर्स्ट से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस-फर्स्ट वाली दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं।'
पिचाई एक तरह से अपनी प्लेबुक के बारे में बात कर रहे थे, क्योंकि गूगल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और इससे जुड़ी टेक्नॉलजी पर काम कर रहा है। इसके अडवांस्ड सॉफ्टवेयर पहले से ही गूगल फोटो और गूगल ट्रांसलेट जैसी वेब सर्विसेज़ को चला रहे हैं।
मैजिक लीप नाम की स्टार्टअप के प्रमुख इन्वेस्टर्स में गूगल भी शामिल है। इस स्टार्टअप ने ऑगमेंटेड रिऐलिटी सिस्टम बनाने के लिए 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा फंड इकट्ठा किया है। यह सिस्टम लोगों के आसपास वर्चुअल 3डी तस्वीरें और अन्य जानकारियां दिखा सकता है। संभव है कि पिचाई इसी तरह की टेक्नॉलजी की बात कर रहे थे।
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