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Saturday, 30 April 2016
अगर आप नोकिया के पुराने फोन या ब्लैकबेरी मोबाइल इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। वॉट्सऐप इस साल के आखिर में ब्लैकबेरी और नोकिया के प्लैटफॉर्म्स समेत कई पुराने OS वाले मोबाइल्स पर सपॉर्ट बंद कर रहा है। यानी 2016 के बाद इन मोबाइल्स पर वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी वॉट्सऐप ने ब्लॉग पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि ब्लैकबेरी डिवाइसेज़ के अलावा नोकिया S40, नोकिया सिंबियन S60, ऐंड्रॉयड 2.1, 2.2 और विंडोज़ फोन 7.1 ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोनों पर भी वॉट्सऐप नहीं चलेगा।
कंपनी ने पोस्ट में लिखा है, 'ये मोबाइल हमारे इतिहास का हिस्सा रहे हैं। मगर अब हम भविष्य में अपने ऐप में जो फीचर डालने वाले हैं, उनके हिसाब से ये मोबाइल सक्षम नहीं हैं।' वॉट्सऐप ने यूजर्स ने कहा है कि वे इस मेसेजिंग सर्विस को यूज करते रहने के लिए अपना मोबाइल अपग्रेड करें।
कंपनी ने लिखा है, 'हमारे लिए यह फैसला लेना कठिन था, मगर लोगों को वॉट्सऐप के जरिए जोड़ने रखने की दिशा में यह कदम जरूरी है। अगर आप इन मोबाइल्स की वजह से प्रभावित हो रहे हैं तो हम सलाह देते हैं कि 2016 खत्म होने से पहले नया ऐंड्रॉयड, आईफोन या विंडोज़ मोबाइल खरीद लें।'
गौरतलब है कि वॉट्सऐप का यूजर बेस तेजी से बढ़ रहा है। वॉट्सऐप के दावों पर यकीन करें तो दुनिया में हर 7 में से 1 व्यक्ति के पास वॉट्सऐप है।
फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी वॉट्सऐप ने ब्लॉग पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि ब्लैकबेरी डिवाइसेज़ के अलावा नोकिया S40, नोकिया सिंबियन S60, ऐंड्रॉयड 2.1, 2.2 और विंडोज़ फोन 7.1 ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोनों पर भी वॉट्सऐप नहीं चलेगा।
कंपनी ने पोस्ट में लिखा है, 'ये मोबाइल हमारे इतिहास का हिस्सा रहे हैं। मगर अब हम भविष्य में अपने ऐप में जो फीचर डालने वाले हैं, उनके हिसाब से ये मोबाइल सक्षम नहीं हैं।' वॉट्सऐप ने यूजर्स ने कहा है कि वे इस मेसेजिंग सर्विस को यूज करते रहने के लिए अपना मोबाइल अपग्रेड करें।
कंपनी ने लिखा है, 'हमारे लिए यह फैसला लेना कठिन था, मगर लोगों को वॉट्सऐप के जरिए जोड़ने रखने की दिशा में यह कदम जरूरी है। अगर आप इन मोबाइल्स की वजह से प्रभावित हो रहे हैं तो हम सलाह देते हैं कि 2016 खत्म होने से पहले नया ऐंड्रॉयड, आईफोन या विंडोज़ मोबाइल खरीद लें।'
गौरतलब है कि वॉट्सऐप का यूजर बेस तेजी से बढ़ रहा है। वॉट्सऐप के दावों पर यकीन करें तो दुनिया में हर 7 में से 1 व्यक्ति के पास वॉट्सऐप है।
स्पेन के तीन युवाओं ने एक खास तरह की बैटरी तैयार की है, जिससे पौधों की मदद से फोन को चार्ज किया जा सकता है। बायो (Bioo) नाम की यह बायोलॉजिक बैटरी पौधों द्वारा फोटोसिंथसिस के दौरान पैदा की गई ऊर्जा को बिजली में बदल देती है। इन युवाओं का मानना है कि उनकी खोज भविष्य में बहुत काम की साबित होगी, क्योंकि इससे साफ और प्राकृतिक तरीके से एनर्जी पाई जा सकती है ।
'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों ने पत्थर के एक छोटे टुकड़े में यूएसबी अडैप्टर डालकर उसे गमले में डाल दिया है। इस कनेक्शन के जरिए मिट्टी में मौजूद एनर्जी को इकट्ठा किया जाता है। इस गैजट को पाबलो मैनुएल ने अपने साथियों राफेल रेबोलो और शावेर रोड्रिज के साथ मिलकर डिजाइन किया है।
पाबलो ने अखबार से बात करते हुए कहा, 'यह बहुत आसान है। हमारा पैनल इंस्टॉल करने के बाद ऊपर से मिट्टी डालिए और फिर पौधा लगा दीजिए। एक वर्ग मीटर से 3 से 40 वॉट तक बिजली पैदा हो सकती है। यह पौधे के प्रकार और साइज पर भी निर्भर करता है।'
अब यह टीम अपने डिवाइस के शुरुआती मॉडल मार्केट में जारी करने जा रहे हैं। पाबलो ने कहा, 'अब तक हमने अपने प्रोटोटाइप से फोन चार्ज किए हैं। हम इन्हें क्राउडफंडिंग कैंपेन के लिए बेचने पर विचार कर रहे हैं। हम ज्यादा पैसा नहीं जुटाना चाहते, बस देखना चाहते हैं कि असल मार्केट में इसका रेस्पॉन्स कैसा रहता है।'
यह टीम रीन्यूएबल एनर्जी, टेलिकम्यूनिकेशन हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट में एक्सपर्ट है। टीम का दावा है कि एक पूरे गार्डन से पैदा हुई एनर्जी से एक घर की बिजली की जरूरत पूरी की जा सकती है। इस टेक्नॉलजी को पेटंट किया जा चुका है और इसे बार्सिलोना में लगाकर टेस्ट किया जाएगा।
'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों ने पत्थर के एक छोटे टुकड़े में यूएसबी अडैप्टर डालकर उसे गमले में डाल दिया है। इस कनेक्शन के जरिए मिट्टी में मौजूद एनर्जी को इकट्ठा किया जाता है। इस गैजट को पाबलो मैनुएल ने अपने साथियों राफेल रेबोलो और शावेर रोड्रिज के साथ मिलकर डिजाइन किया है।
पाबलो ने अखबार से बात करते हुए कहा, 'यह बहुत आसान है। हमारा पैनल इंस्टॉल करने के बाद ऊपर से मिट्टी डालिए और फिर पौधा लगा दीजिए। एक वर्ग मीटर से 3 से 40 वॉट तक बिजली पैदा हो सकती है। यह पौधे के प्रकार और साइज पर भी निर्भर करता है।'
अब यह टीम अपने डिवाइस के शुरुआती मॉडल मार्केट में जारी करने जा रहे हैं। पाबलो ने कहा, 'अब तक हमने अपने प्रोटोटाइप से फोन चार्ज किए हैं। हम इन्हें क्राउडफंडिंग कैंपेन के लिए बेचने पर विचार कर रहे हैं। हम ज्यादा पैसा नहीं जुटाना चाहते, बस देखना चाहते हैं कि असल मार्केट में इसका रेस्पॉन्स कैसा रहता है।'
यह टीम रीन्यूएबल एनर्जी, टेलिकम्यूनिकेशन हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट में एक्सपर्ट है। टीम का दावा है कि एक पूरे गार्डन से पैदा हुई एनर्जी से एक घर की बिजली की जरूरत पूरी की जा सकती है। इस टेक्नॉलजी को पेटंट किया जा चुका है और इसे बार्सिलोना में लगाकर टेस्ट किया जाएगा।
Clickbait is online content that uses sensationalized headlines to tempt a person into clicking the blurb to view the original web article at the source publication. Clickbait tends to spread quickly through social media and sharing sites, such as Facebook and Twitter.
Clickbait may also be written as click bait.
Clicks Are Revenue
Each click through and view of the source article typically generates advertisement-based revenue for the publication source. The more clicks an article receives, the more revenue earned. For this reason, clickbait is designed to attract a large number of readers and rarely uses quality guidelines and researched sources. Some clickbait articles will use a large number of images or video clips spread over multiple pages to further increase the number of clicks by the user.
Clickbait Headlines and Content
The headline of a clickbait article is the most important element. Clickbait headlines are often written to manipulate feelings or grab attention. For example, the headline may raise emotions of anger ("You'll be outraged at what happened to this little girl"). Other types of clickbait are cleverly designed to make people curious ("This man found a sealed envelope. You won't believe what was inside!").
Often, the clickbait headline and content is of a sensational, provocative or controversial nature. These types of headlines, along with eye-catching images and social media sharing and commenting are all common elements of clickbait.
Xenial Xerus is the Ubuntu codename for version 16.04 of the Ubuntu Linux-based operating system. Officially released on April 21st, 2016, Xenial Xerus follows the Wily Werewolf (v15.10) release and serves as a significant update for Ubuntu, featuring improved integration with OpenStack (including Mitaka support), the addition of the “snaps” secure app format for packages, and the LXD pure-container hypervisor.
As a long-term support (LTS) release, Xenial Xerus users will receive five years of support from Canonical, the developers of Ubuntu, for the operating system (as opposed to nine months of security updates and support for the non-LTS releases). New Ubuntu LTS releases debut every two years, with the last Ubuntu LTS being the Ubuntu 14.04 Trusty Tahr distribution in April 2014.
For developers, the Xenial Xerus 16.04 release includes the Snapcraft tool, which simplifies building, developing and distributing snap packages. Ubuntu 16.04 also retires the Ubuntu Software Center, discontinues sending your desktop searches over the Internet by default, moves Unity’s dock to the bottom of the computer screen and more.
Xenial Xerus also offers support for the zettabyte file system (ZFS) as well as updated Firefox and LibreOffice releases.
What Exactly Is a Xenial Xerus?
Xenial is an adjective that refers to a state of being hospital or friendly, particularly to visiting strangers or foreigners, and a xerus is a long-tailed ground squirrel native to Africa. Xerus resemble prairie dogs in many respects, and they band together while living in burrows in woodlands or grasslands.
The Xenial Xerus release of Ubuntu Linux is expected to be succeeded by Ubuntu 16.10 in October 2016.
Storage Spaces Direct is a feature introduced in Windows Server 2016 that extends the software-defined storage (SDS) stack in Windows Server to enable building highly-available (HA) storage systems with local storage.
Microsoft developed Storage Spaces Direct, or S2D, to help simplify the deployment and management of software-defined storage systems as well as to open the use of new classes of disk devices like SATA and NVMe (Non-Volatile Memory Express disks) disk devices, which were previously not able to be used with clustered Storage Spaces with shared disks.
Storage Spaces Direct in Use
Storage Spaces Direct can use disks internal to nodes in a cluster or it can directly attach to nodes in a cluster via an enclosure. Storage Spaces aggregates the disks local to the cluster nodes, which creates a Storage Pool of these disks and enables virtual disks to be created.
These virtual disks can be used as a Cluster Shared Volume (CSV) that can house Hyper-V virtual machines (VMs) running on ReFS-formatted volumes.
What this essentially means is that with Storage Spaces Direct, HA storage systems can be built using storage nodes with only local storage – either with disk devices that are internal to each storage node or disk devices in JBODs (Just a Bunch Of Disks) where each JBOD is only connected to a single storage node.
(1) Acronym for disk operating system. The term DOS can refer to any operating system, but it is most often used as a shorthand for MS-DOS (Microsoft disk operating system). Originally developed by Microsoft for IBM, MS-DOS was the standard operating system for IBM-compatible personal computers.
The initial versions of DOS were very simple and resembled another operating system called CP/M. Subsequent versions have became increasingly sophisticated as they incorporated features of minicomputer operating systems. However, DOS is still a 16-bit operating system and does not support multiple users or multitasking.
For some time, it has been widely acknowledged that DOS is insufficient for modern computer applications. Microsoft Windows helped alleviate some problems, but still, it sat on top of DOS and relied on DOS for many services. Even Windows 95 sat on top of DOS. Newer operating systems, such as Windows NT and OS/2 Warp, do not rely on DOS to the same extent, although they can execute DOS-based programs. It is expected that as these operating systems gain market share, DOS will eventually disappear. In the meantime, Caldera, Inc. markets a version of DOS called DR-OpenDOSthat extends MS-DOS in significant ways.
Technology constantly evolves to the point where today, we wonder how we managed without technologies like cloud computing and mobile devices. Gartner, with its list of top 10 strategic technology trends for 2016, looks at Internet of Things (IoT), creating better user experience in mobile and 3D printing as tech trends to keep an eye on in the coming year.
As we look towards new and innovative technology trends in 2016, we can't help but to wonder what Webopedia readers were most interested in this past year. While topics relating to computer and network architecture and programming were the most popular, readers were also interested in software, applications and cloud computing.
Webopedia's Top 10 Terms of 2015
- Computer
- Operating System (OS)
- Internet
- Enterprise Resource Planning (ERP)
- Application Program Interface (API)
- Network
- Software
- Cloud Computing
- Central Processing Unit (CPU)
- Application
"It is extremely likely that some current technologies may not survive in their current form."
That's the opening sentence of Jeffrey Layton's discussion about the future of hard drives in Enterprise Storage Forum, and clearly it's an understatement. Layton takes a deep dive into the challenges facing traditional spinning disks, HDD, namely deep encroachment by SSD, as well as Intel/Micron’s 3D XPoint NVRAM (Non-Volatile RAM).
Will SSD Prices Fall Enough to Wipe the Hard Drive Market?
On the SSD front, one of the factors I find most interesting about the rise of flash is the ever-changing forecast about its falling price. SSD offers better performance than hard drives and are also more expensive – but this greater expense is a key factors in favor of HDD. However, it seems as time goes by, the distant date when SSD prices fall enough to fully wipe out the hard drive market seems to move closer and closer.
As Layton observes:
Just a few years ago, the average $/GB for an SSD was about $1/GB, even for consumer drives. Now some of them are below $0.25/GB. Given that the sequential performance of an SSD is about 5-10 times that of a hard drive and the random IOPS performance is 3-5 orders of magnitude greater than a hard drive, SSDs are becoming extremely popular as a storage medium.
Eventually, it appears, there won’t be a cost justification for HDD, at which point they will head to the trash bin of data storage history. Or, alternately, the relative cheapness of hard drives will continue to win them a place in data storage, for lower priority storage tiers. Possibly they'll take up a role in longer term storage, the niche that tape still shines in.
Yet in the longest term scenario, the future for hard drives doesn't look bright.
On The Other Hand
Before you stop shopping for hard drives altogether, however, consider the factors that suggest hard drives have a good long life ahead of them.
In a contrarian article posted on Enterprise Storage Forum entitled Hard Drives Are Here To Stay (For Now), storage analyst Greg Schulz noted that HDD are seeing significant performance improvements. For instance, Seagate's shingled magnetic recording (SMR), which boosts disk density to achieve an impressive 25% more capacity.
Moreover, both Seagate and Western Digital are investing in heat assisted magnetic recording (HAMR) technology. Remarkably, Seagate CTO Mark Re told Enterprise Storage Forum that, in contrast to a current HDD technology that offers 1 terabit per inch of max density, HAMR will offer 4 terabit per inch density. Think about storing 60TB of data on a 3.5 inch disk. And this isn’t just a dev pipedream – storage products that incorporate HAMR should be available in 2018, Re told ESF.
Given the HDD performance enhancements, coupled with the likely price drops, it seems that HDDs will be with us a good long time.
Android is by far the best mobile operating system as it comes with a lot of amazing games and applications. Sometimes, we want to play that games on our PC but some of these apps and games which are available at Google Play Market are not available for Windows and Mac operating systems. So, what should one do??
Today, in this tutorial we are going to tell you how you can Run Android games and applications on PC. All you will need is a software which is known as Bluestacks.
Bluestacks in an Android emulator which will help us to Run Android games and applications on PC. You can have the perfect Android experience on your Windows and Mac Operating system using Bluestacks.
How to Install Bluestacks
Step 1: First of all you need to download Bluestacks. Click here to download Bluestacks for your Windows or Mac Operating systems.
Step 2: Once downloaded, install it using the executable file. You will see a couple of steps in the installation wizard. Follow these steps and installation will be continued.
Once the installation is done, Bluestacks icon will be available on your desktop.
Once the installation is done, Bluestacks icon will be available on your desktop.
Run Android games and applications on PC
Once you have downloaded and installed Bluestacks, the next thing you need to do is open Bluestacks and follow the steps mentioned below:-
Step 1: When you will run the Bluestacks for the first time you will be asked to insert your Google Account details. Insert the Google Account details so that, that account can be synced with Google Play market.
Step 2: Once your account is synced you are ready to go. Open the home of Bluestacks by clicking on Bluestacks icon and you will see a search field there. Type and name of app or game there
.
Let me explain you this with the help of an example:- In the Search field enter “Whats App” (without quotes).
Let me explain you this with the help of an example:- In the Search field enter “Whats App” (without quotes).
You will see What’s App on the homepage and will also see an Install Button present there. Click on Install button and the app will start downloading. The download time will take depending on your internet’s speed.
Step 3: Now open the app. When you will open the app for the first time you will be asked to enter your mobile number. Provide correct mobile number as this number will get a verification code which will be used to authenticate your What’s app account. Now you have verified the account you can easily use What’s app from your computer.
If you want to see which applications are installed on your system, you can open the “My Apps” area and see all the apps which are present on your system. Open the “Top Charts” section to see the apps which are being most downloaded by people on the Google Play market. You can even sync apps from your PC to your Android smartphone or from your Android smartphone to your PC using Cloud Connect.
Yes,you can Access a Windows Desktop from Your SmartPhone or Tablet. IPads and android tablets or Smartphone can’t run windows app locally, but with this you can remote your windows desktop, even with a physical keyboard. Many apps has been developed and launched like Microsoft remote desktop app, TeamViewer for Remote Control, among which Microsoft app is mostly used for professional use while the other app can also be used for personal uses.
Microsoft’s remote desktop app
This app has reduced the work load from one’s head of staying in the home and working all the day and cancelling the vacations and many more just because of the work info is available in your PC. With Microsoft remote desktop app, you can connect to your work resources and remote PC from anywhere you feel like working. This app is mostly used for business and professional use rather than the personal use.
Features of this app :
- Access your desktop with your phones easily.
- Rich multi-touch experience with remote desktop protocol (RDP).
- It has an outstanding feature or technology, namely Network Layer Authentication which secure connection to your data and applications.
- High quality video and sound streaming.
Review for this app :This app is friendly for the business related persons or for the professional use but not so friendly for the personal use.
Team Viewer for Remote Control
This app is friendly for the personal use too no matter wherever you are, rather than controlling your own computer you can also remotely troubleshoot your relatives PC.
Features :
- Access to computers (windows, Mac, Linux) is possible also during a telephone call.
- Transfer the files from your PC to phone or from phone to PC.
- Automatic quality adjustment.
- Remotely reboot the computer.
- Team Viewer free is for private use only e.g. to access or solve your or your friends computer problems.
All you have to do is Download an Install Team Viewer on Your Desktop and Mobile, after installing on your smartphone you will have to login with the details that team Viewer window displays.
Other Options: Other than these two apps you surely have other options too if you are not friendly with both of them.
Splash top: This is another popular remote desktop app that people reportedly has said that it is faster. But unfortunately this is not a free app as it may cost you around $20 at regular price. And to use it over internet you need to buy an additional “Anywhere access pack”. This app can be used or purchased if you don’t mind spending money or if you need a faster app to complete your work fast.
Conclusion: With the development of these apps both personal and professional works are carried out easily and in a better manner with easy access.
In this article you will see top 5 best apps for android that you can use to test the hardware abilities of your Android. Just go through the article to know the best apps that you can download.
Whether confirming the hardware configuration or checking the performance of the hardware of your new Android phone, finding the whole accurate information can be very hard.
You cannot find this information unless you are not using any app meant for that only purpose. There are apps that can give you the exact details of your hardware and can even tell you about the performance abilities and task handling capabilities of your phone.
#1 Z-Device test
To get the most comprehensive and in-depth analysis of your phone you can download the Z-Device test app. This app lets you test the every hardware components of your phone like the camera of the device,accelerometer, GPS, Light sensor, vibration, sound,CPU,battery etc. You will know about the hardware specifications of your device too. If your hardware supports some other features like NFC,pressure sensor,temperature sensor etc. then you can also get the information from these sensors too and all in single app. The various features of this app that you get cannot be found anywhere else and even on other apps too.
#2 Phone Tester
Provided with simple and easy user interface, this app is just amazing for finding some basic things on your device. The things that you can know about your android hardware using this app are sensors details, telephone signal details, GPS status, system information etc. This app could be best for those who are just looking for general technical details of their device and dont want to go in-depth.
#3 Antutu Tester
The only app that only focuses on the screen, battery and touch of the device and you get great in-depth information about these on this app. The battery test abilities of this app is just amazing and you get the in-depth information about the battery. Clearly available results that you get from this app can also decide you the best performing device in case of battery life but the only thing is that the battery test can last for even hours.
#4 Sensor Box
This app is made to check the all available sensors on the phone and to check their performance details. The all sensors like accelerometer, light, orientation, proximity, temperature, gyroscope, sound, magnetic sensor etc. are tested and the results are then listed on this app.
#5 Phone Doctor Plus
Loaded with many features so as to provide you with in-depth information of your phone,this app can provide 25 different tests each for checking the hardware capabilities. This app can check the sensors, battery, screen, mic, flash, camera, memory etc of your device. Although there are some sensor tests that are missing on this phone but still it is the only app that provides huge range of tests for your device.
The details that you get from these apps will help to check the performance and capabilities of your phone or these apps can help you at the time while you are buying your new Android device. Depending on your needs you can download any of the above apps. At last you should know one thing that the information provided by these apps cannot be exactly correct but still can be used for worthy purposes.
Many people learn hacking for fun , taking revenge and many other reason. But me learn hacking for knowledge and safe our website from hackers. I don’t all of these below hacking movies are best hacking movies of all time but you need to try below movie. We make latest hacking movie and also want your suggestion for best hacking movie all the time.
The Matrix(1999)
This is one of great science fiction movie. In this movie a Character named “Neo”, Neo is a computer Hacker. In this movie machine takedown human race and humans need superhuman. Neo is superman and save the human race in this movie. Matrix movie come in Trilogy.
Movie Trailor
WhatsApp, the Facebook-owned instant messaging platform, is soon going to add features like ‘call back’ and voicemail among others.
The company had made headlines recently as it announced its new encryption feeature which doesn’t allow anyone to snoop on users’ chats.
Reportedly, the new ‘call back’ feature can be accessed without opening the app and users can call their friends back with just the tap of a button. The button will be placed in the notifications panel of the instant messaging service.
The Jam Koum-founded company is also expected to be working on a voicemail feature for iOS users. The feature will let users record voice mails and send them to their contacts and will only work when the user is already busy on another WhatsApp call.
In addition, the company might let users share zip files making it easier to send larger content. But sharing zip files may come with a virus, malware or trojan problem.
By Default Windows do not allow users to Copy text and Paste it in Command prompt Or Copy text from Command prompt and paste it elsewhere. But there is an option in CMD itself to enable Copy & Paste Text in Windows Command Prompt.
Today in this tutorial we will learn how to Enable Copying and Pasting Texts in Windows Command prompt. One of the main advantage of this will be that you can copy any command that you find on the internet or from any word/excel file and paste it directly in CMD and execute that command just like that.
Step 1: Open CMD, Just type CMD in search or Press Win + X key to select Command Prompt.
Step 2: Right Click on the Title of the CMD window and Select Properties just like its shown in the below Picture
Step 3: You will see a Pop up Window coming up, Now on the Right hand side, Under Edit Options, Just Check Quick Edit Mode and click OK
Step 4: Everything is Done, Now just Copy any Text from Here or Anywhere else Using
CTRL + C keys and just Right click using your mouse on CMD. You will see that the text is been pasted automatically in CMD. Please Understand that Using CTRL + C to Copy text is Important.
Likewise if you wish to Copy Text from CMD to paste elsewhere then Just Select the Text in CMD and Again just Right Click with the mouse. Your Text is Copied and ready to Paste it in any Document you want.
This Doesn’t Limit you to just Text you can even copy File or Folder path and paste it in CMD. Everything that you have to type manually can be copied from somewhere and pasted directly to CMD with this small Tweak
So this was just a small Tip I wanted to Share with my Readers so that you don’t have to Type any long Command in CMD which if typed incorrectly can cause errors. I hope this will help some Of you.
Friday, 29 April 2016
In Brief
The US Supreme Court has approved amendments to Rule 41, which now gives judges the authority to issue search warrants, not only for computers located in their jurisdiction but also outside their jurisdiction.
Under the original Rule 41, let’s say, a New York judge can only authorize the FBI to hack into a suspect's computer in New York.
But the amended rule would now make it easier for the FBI to hack into any computer or network, literally anywhere in the world.
The Federal Bureau of Investigation (FBI) can now Hack your computers anywhere, anytime.
The FBI appeared to have been granted powers to hack any computer legally across the country, and perhaps anywhere in the world, with just a single search warrant authorized by any United States judge.
Under the original Rule 41, let’s say, a New York judge can only authorize the FBI to hack into a suspect's computer in New York.
But the amended rule would now make it easier for the FBI to hack into any computer or network, literally anywhere in the world.
The Federal Bureau of Investigation (FBI) can now Hack your computers anywhere, anytime.
The FBI appeared to have been granted powers to hack any computer legally across the country, and perhaps anywhere in the world, with just a single search warrant authorized by any United States judge.
The U.S. Supreme Court approved yesterday a change in Rule 41 of the Federal Rules of Criminal Procedure that would let U.S. judges issue warrants for remote access to electronic devices outside their jurisdiction.
The tech giants and civil liberties groups like the American Civil Liberties Union (ACLU) say the change also could run afoul of the American Constitution's protections against inappropriate searches and seizures.
"These amendments will have significant consequences for Americans' privacy and the scope of the government's powers to conduct remote surveillance and searches of electronic devices," Democratic Senator Ron Wyden of Oregon said in a statement Thursday.If Congress doesn't act, the changes to the Rule 41 will take immediate effect in December despite opposition from technology giants and civil liberties groups who believes the changes would expand the FBI's power to conduct mass hacks on computer networks.
"Under the proposed rules, the government would now be able to obtain a single warrant to access and search thousands or millions of computers at once; and the vast majority of the affected computers would belong to the victims, not the perpetrators, of cybercrime."
The tech giants and civil liberties groups like the American Civil Liberties Union (ACLU) say the change also could run afoul of the American Constitution's protections against inappropriate searches and seizures.
However, while proposing the rule change in 2014, the U.S. Department of Justice described it as a small modification required to modernize the criminal code for the digital age, saying the changes wouldn't permit searches that aren't already legal.
The FBI Now Can Legally Hack TOR Users
Previously, under the Rule 41, magistrate judges could not approve search warrants to remotely hack or access computers outside their jurisdiction.
But with the rule change, magistrate judges could now issue orders to search or seize computers and electronic devices outside their local authority if the target's location is unknown or if the target is using anonymity software like TOR.
More than a Million of Internet users make use of TOR anonymity software to browse the Web just to hide their actual identity for entirely legitimate reasons, in addition to criminals who use TOR to hide their locations.
Recently, the court threw out evidence that the FBI brought by hacking the members of the child pornography site PlayPen on the TOR network using its so-called Network Investigative Technique (NIT), explaining the feds violated Rule 41's territorial restrictions.
This rule change would prevent something like that from happening, opening doors for the FBI to legally hack any computer in any country.
The Congress has time until 1 December 2016 to reject changes or make more changes to Rule 41, after which the amended version of the rule will take effect.
सोशल नेटवर्किंग के इस युग में सबसे ज्यादा पॉप्युलर सोशल नेटवर्किंग साइट निसंदेह फेसबुक ही है। कभी-कभी ऐसा होता है कि अचानक हमारी फ्रेंड लिस्ट के नंबर्स कम हो जाते हैं यानि कोई हमें अनफ्रेंड कर देता है। लेकिन हमें किसने अनफ्रेंड किया है यह जानने के लिए फेसबुक कोई खास फीचर नहीं दे रहा है। लेकिन अब आप जान सकते हैं कि किसने आपको फेसबुक पर अनफ्रेंड किया है।
हाल ही में लॉन्च हुई एक ऐप का यूज करके आप अब यह जान सकते हैं कि किसने आपको अनफ्रेंड किया है।
इतना ही नहीं 'हू डिलीटेड मी' नामक इस ऐप के द्वारा आप यह भी जान सकते हैं कि फेसबुक पर आपको किसने ब्लॉक किया है।
साथ ही यह ऐप आपको यह भी बताएगा कि आपकी फ्रेंड लिस्ट में हाल ही में कौन नया व्यक्ति जुड़ा है।
इस ऐप के द्वारा आप यह भी जान सकते हैं कि आपकी फ्रेंड लिस्ट के किस व्यक्ति ने अपना अकाउंट डिऐक्टिवेट अथवा रिकवर किया है।
लेकिन यह सारी जानकारी आपको ऐप डाउनलोड करने के बाद से ही मिलेगी। यानि ऐप डाउनलोड करने के पहले आपको किसने अनफ्रेंड किया है, यह आपको पता नहीं लग पाएगा। फिलहाल यह ऐप सिर्फ ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है। 'हू डिलीटेड मी' ऐप को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।
साउथ लंदन के कस्बे गिल्डफर्ड में दुनिया का सबसे तेज सेलफोन नेटवर्क तैयार करने का काम चल रहा है। यह नेटवर्क 4G से 100 गुना तेज होगा। इतना फास्ट कि लोग सिर्फ 5 सेकंड में पूरी मूवी डाउनलोड कर सकेंगे।
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैमसंग और फुजित्सु जैसी दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियों के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी ऑफ सरे 5G वायरलेस टेक्नॉलजी विकसित कर रही है। इसकी स्पीड अभी मौजूद वायरलेस इंटरनेट की स्पीड से 100 गुना तेज होगी।
वायरलेस टेक्नॉलजी की पांचवीं जेनरेशन या 5G पर चल रहा यह काम 2018 की शुरुआत तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे लोग स्मार्टफोन या टैब्स पर 5 सेकंड में पूरी मूवी डाउनलोड कर पाएंगे। अभी 4G नेटवर्क पर इस काम में 8 मिनट लगते हैं। ।
यूनिवर्सिटी के 5G प्रॉजेक्ट पर नजर रखने वाले रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर रहीम तफाजली कहते हैं, 'लैब में तो यह टेक्नॉलजी काफी हद तक काम कर रही है। कैंपस में 70 पावरफुल रेडियो ऐंटेना लगाए गए हैं।' तफाजली और उनकी टीम के सदस्य इस प्रॉजेक्ट पर तेजी से काम कर रहे हैं।
दुनिया के सबसे बड़े कैरियर AT&T, NTT और DoCoMo इस सर्विस को सबसे पहले यूजर्स को देने की होड़ में शामिल हैं। इस प्रतियोगिता की वजह से इस रिसर्च को काफी फंडिंग मिल रही है। चीन की वावे और स्वीडन की एरिक्सन जैसी कंपनियां भी करोड़ों डॉलर्स दे रही हैं, ताकि कॉन्ट्रैक्ट करके इस टेक्नॉलजी को सबसे पहले पेश कर सकें।
रेल यात्री घर बैठे काउंटर से खरीदे गए रेल टिकट को रेलवे पूछताछ सेवा 139 पर फोन के जरिए रद्द कराने सकेंगे। इसके अलावा यात्री 139 पर एसएमएस भेज कर अथवा आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर भी टिकट रद्द सकते हैं। हालांकि रेलवे की ओर से मुहैया करायी गई इस विशेष सुविधा के एवज में रेल यात्री को अपनी जेब ढीली करनी होगी। फोन करने पर महानगरों में 1.20 पैसे प्रति मिनट व अन्य शहरों में दो रुपये प्रति मिनट की दर से भुगतान करना होगा।
वहीं, 139 पर दो एसएमएस पर छह रुपये अदा करने होंगे। यात्रियों को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि फोन अथवा एसएमएस पर टिकट रद्द कराने की सुविधा तभी मिलेगी जब आरक्षण फार्म भरते समय वह अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराएंगे। 139 पर फोन करने व एसएमएस करने के लिए उक्त मोबाइल नंबर का ही प्रयोग करना होगा।
139 पर फोन के जरिए काउंटर टिकट रद्द कराने की प्रक्रिया
टिकट रद्द कराने के लिए यात्री को 139 पर फोन करना होगा। इसके पश्चात विकल्प के रूप में छह नंबर दबाना होगा। 139 कॉल सेंटर से ऑटोमैटिक रिकार्ड की हुई आवाज में पूछा जाएगा कि ई-टिकट रद्द कराने के लिए एक नंबर दबाएं और काउंटर टिकट रद्द कराने के लिए दो नंबर दबाए। यदि यात्री ने गलती से दो नंबर (ई-टिकट) दबा दिया तो उससे अनुरोध किया जाएगा कि 139 पर सिर्फ काउंटर टिकट रद्द कराने की सुविधा है। इसके लिए यात्री को आठ नंबर दबाकर मेन मेन्यु में जाना होगा। एक नंबर दबाने के बाद कॉल कॉल सेंटर के कर्मचारी के पास पहुंच जाएगा। कर्मचारी अपने कंप्यूटर सिस्टम से यात्री का पीएनआर नंबर व ट्रेन नंबर पूछेगा। सही जानकारी होने पर यात्री के मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। यात्री ओटीपी की जानकारी कर्मचारी को देगा। जिसे कंप्यूटर सिस्टम में फीड कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सिस्टम पर टिकट रद्द होने और रिफंड की राशि स्क्रीन पर आज जाएगी। कर्मचारी इसकी जानकारी रेल यात्री को दे देगा।
139 पर एसएमएस से काउंटर टिकट कराएं रद्द
रेल यात्री को मोबाइल के मैसेज बॉक्स में जाकर दस डिजिट वाला पीएनआर नंबर लिखना होगा फिर स्पेस देकर टे्रन नंबर लिखकर 139 पर एसएमएस करना होगा। 139 से यात्री के मोबाइल नंबर पर उक्त पीएनआर के रद्द करने के साथ ओटीपी आएगा। यात्री को उक्त ओटीपी को 139 पर पुन: भेजना होगा। इसके बाद 139 से यात्री के पास एक और मैसेज आएगा जिसमे टिकट रद्द होने व रिफंड राशि की जानकारी होगी।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी सुविधा
रेल यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर काउंटर टिकट रद्द करा सकते हैं। वेबसाइट पर काउंटर टिकट रद्द कराने के लिए नया पेज बनाया गया है। इसमें यात्री को लॉगइन करने की जरुरत नहीं होगी। वेबसाइट पर यात्री को अपनी पीएनआर नंबर व टे्रन नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद यात्री के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी को वेबपेज पर दर्ज कराना होगा। इसके बाद यात्री का टिकट रद्द हो जाएगा। इसकी जानकारी यात्री के मोबाइल पर आ जाएगी जिसमें रिफंड की राशि का भी जिक्र होगा। इस सुविधा का लाभ ड्यूटी पास, पीटीओ, प्रिविलेज पास आदि के यात्री भी उठा सकेंगे।
ट्रेन छूटने के चार घंटे पहले करना होगा प्रयास
ट्रेन प्रस्थान होने के समय से चार घंटे पहले टिकट रद्द कराने पर यात्री को रिफंड मिलेगा। इसके पश्चात नहीं। शाम छह बजे से सुबह छह बजे के बीच ट्रेन होने पर अगले दिन सुबह काउंटर खुलने के दो घंटे पहले टिकट दिखाकर यात्री रिफंड पा सकेंगे। रिफंड पाने के लिए उसी स्टेशन पर जाना होगा जहां से टे्रन पकड़नी थी।
पैन के बारे में
परमानेंट अकाउंट नम्बर (पैन) कार्ड एक फोटो पहचान पत्र है, जिसमें प्रत्येक कार्डधारी के लिए 10 अंकों वाला एक अल्फा न्युमेरिक नम्बर आवंटित की जाती है। इसे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान पैन नंबर उद्धृत करना अनिवार्य है। इसके अलावा, पैन का उपयोग बैंक में खाता खुलवाने, पासपोर्ट बनवाने, ट्रेन में ई-टिकट के साथ यात्रा करते समय पहचान पत्र के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
पैन का उपयोग
पैन का उपयोग इन कार्यों के लिए अनिवार्य रूप से किया जाता है:
- आयकर (आईटी) रिटर्न दाखिल करने के लिए,
- शेयरों की खरीद-बिक्री हेतु डीमैट खाता खुलवाने के लिए,
- एक बैंक खाता से दूसरे बैंक खाता में 50,000 रुपये या उससे अधिक की राशि निकालने अथवा जमा करने अथवा हस्तांतरित करने पर,
- टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) जमा करने व वापस पाने के लिए।
प्राप्त करने की पात्रता
- कोई भी व्यक्ति, फर्म या संयुक्त उपक्रम पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए कोई न्यूनतम अथवा अधिकतम उम्र सीमा नहीं है।
पैन हेतु आवेदन करने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
- अच्छी गुणवत्ता वाली पासपोर्ट आकार की दो रंगीन फोटो
- शुल्क के रूप में 105 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट या चेक
- व्यक्तिगत पहचान के प्रमाण की छायाप्रति
- आवासीय पता के प्रमाण की छायाप्रति
व्यक्तिगत पहचान व आवासीय पता पहचान दोनों सूची में से अलग- अलग दो दस्तावेज़ जमा करें
व्यक्तिगत पहचान के लिए प्रमाण
- विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र
- मैट्रिक का प्रमाणपत्र
- मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान की डिग्री
- डिपोजिटरी खाता विवरण
- क्रेडिट कार्ड का विवरण
- बैंक खाते का विवरण/ बैंक पासबुक
- पानी का बिल
- राशन कार्ड
- संपत्ति कर मूल्यांकन आदेश
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- सांसद अथवा विधायक अथवा नगरपालिका पार्षद अथवा राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित पहचान प्रमाण पत्र।
आवासीय पता के प्रमाण के लिए
- बिजली बिल
- टेलीफोन बिल
- डिपोजिटरी खाता विवरण
- क्रेडिट कार्ड का विवरण
- बैंक खाता विवरण/ बैंक पास बुक
- घर किराये की रसीद
- नियोक्ता का प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- संपत्ति कर मूल्यांकन आदेश
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राशन कार्ड
- सांसद अथवा विधायक अथवा नगरपालिका पार्षद अथवा राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित पहचान प्रमाण पत्र।
ध्यान दें: यदि आवासीय पता के प्रमाण के लिए क्रम संख्या 1 से 7 तक में उल्लिखित दस्तावेज का उपयोग जा रहा हो, तो वह जमा करने की तिथि से छः माह से अधिक पुराना नहीं होनी चाहिए।
पैन कार्ड के लिए शुल्क व भुगतान की प्रक्रिया
- पैन आवेदन के लिए शुल्क 105 रुपये है (93.00 रुपये + 12.30% सेवा शुल्क)
- शुल्क का भुगतान डिमांड ड्राफ्ट, चेक अथवा क्रेडिट कार्ड द्वारा किया जा सकता है,
- डिमांड ड्राफ्ट या चेक NSDL- PAN के नाम से बना हों,
- डिमांड ड्राफ्ट मुम्बई में भुगतेय होनी चाहिए और डिमांड ड्राफ्ट के पीछे आवेदक का नाम तथा पावती संख्या लिखा होना चाहिए,
- चेक द्वारा शुल्क का भुगतान करनेवाले आवेदक देशभर में एचडीएफसी बैंक के किसी भी शाखा (दहेज को छोड़कर) पर भुगतान कर सकते हैं। आवेदक को जमा पर्ची पर NSDLPAN का उल्लेख करनी चाहिए।
पैन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- पैन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपके पास 105 रुपये का बैंक ड्राफ्ट या चेक अवश्य होनी चाहिए अथवा आपके पास ऑनलाइन भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड हों,
- पैन के लिए ऑनलाइन अवेदन हेतु https://tin.tin.nsdl.com/pan/form49A.html अथवा पर क्लिक करें,
- सबसे पहले वार्ड/ सर्किल, रेंज, कमिश्नरी, एरिया कोड, एओ कोड, रेंज कोड तथा एओ से संबंधित सूचना भरें,
- वार्ड/ सर्किल, रेंज, कमिश्नरी, एरिया कोड, एओ कोड, रेंज कोड तथा एओ संबंधित जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें,
- यह जानकारी निकटतम आयकर कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है,
- इसके बाद दिये गये फॉर्म को भरें,
- फॉर्म में आपको अपने कार्यालय पता का भी उल्लेख करना होगा। यदि आपका कोई कार्यालयी पता नहीं हों तो उसकी जगह आप अपना कोई और पता लिख सकते हैं,
- फॉर्म भरने के बाद सब्मिट बटन पर क्लिक करें,
- इसके बाद जाँच कर लें कि सभी जानकारी सही है या नहीं। सभी जानकारी सही होने पर पेज के नीचे दिखाए गए कोड टाइप करें और “कन्फर्म” बटन पर क्लिक करें,
- इसके बाद आपके समक्ष पावती संख्या (एकनॉलेजमेंट नम्बर) के साथ एक फॉर्म आएगा,
- यह पावती संख्या आपके पैन आवेदन के लिए यूनिक रेफरेंस नम्बर है,
- इस नम्बर का प्रयोग आप भविष्य में अपने पैन आवेदन की स्थिति जानने के लिए कर सकते हैं,
- इस पावती संख्या (एकनॉलेजमेंट नम्बर) का प्रिंट लेकर उसे सेव कर लें,
- एकनॉलेजमेंट फॉर्म का प्रिंट लेकर हाल में खिंचवाया गया अपना फोटो दिये स्थान पर चिपकाएँ और उसके नीच दिये बॉक्स में हस्ताक्षर करें (दिये गए बॉक्स में बिना किनारों को छुए),
- पावती संख्या (एकनॉलेजमेंट नम्बर) पर हस्ताक्षर के लिए केवल काली स्याही वाले बॉल पेन का ही प्रयोग करें,
- आवेदन के साथ व्यक्तिगत पहचान व आवासीय पता की छायाप्रति और 94 रुपये का बैंक ड्राफ्ट नत्थी कर भेजें,
- बैंक ड्राफ्ट के पीछे अपना नाम और एकनॉलिजमेंट संख्या अवश्य लिखें,
- यदि आप पैन के लिए आवेदन शुल्क का भुगतान चेक के जरिए कर रहे हों, तो उसे अपने शहर के एचडीएफसी बैंक में जमा करें,
- एचडीएफसी बैंक के नजदीकी शाखा की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
- एनएसडीएल कार्यालय में एक्नॉलेजमेंट फॉर्म भेजने से पहले इन सूची की जांच कर लें:
- एक्नॉलेजमेंट फॉर्म (रंगीन फोटो और हस्ताक्षर के साथ)
- व्यक्तिगत पहचान के प्रमाण की छायाप्रति
- आवासीय पता के प्रमाण की छायाप्रति
- 105 रुपये का बैंक ड्राफ्ट
- लिफाफे पर बड़े अक्षरों में लिखें “पैन के लिए आवेदन- एक्नॉलेजमेंट नम्बर” (जैसे, “पैन के लिए आवेदन- 881010100000097”)
- आवेदन पत्र इस पता पर भेजें- NSDL, 'Income Tax PAN Services Unit, National Securities Depository Limited, 3rd Floor, Sapphire Chambers, Near Baner Telephone Exchange, Baner, Pune- 411045 (Maharashtra)
- आपका एक्नॉलेजमेंट, डिमांड ड्राफ्ट (यदि हो), और पहचान और पते का प्रमाण ऑनलाइन आवेदन की तिथि से 15 दिन के अन्दर एनएसडीएल कार्यालय को मिल जाने चाहिए,
- डिमांड ड्राफ्ट अथवा चेक के साथ ड्राफ्ट आवेदन पर प्रक्रिया केवल तभी शुरू की जाती है जब शुल्क का भुगतान हो जाता है,
- पैन संबंधी अधिक जानकारी के लिए 020-27218080 पर भी संपर्क कर सकते हैं अथवा tininfo@nsdl.co.in, mailto:tininfo@nsdl.co.in संदेश भेजें,
- पैन आवेदन की स्थिति जानने के लिए- 53030 पर SMS भेजें- PAN <space> एकनॉलेजमेंट नम्बर और उसे 53030पर भेज दें।
पैन कार्ड के लिए आवेदन की ऑफलाईन प्रक्रिया
- यहाँ क्लिक कर आवेदन पत्र संख्या 49A प्राप्त करें,
- आवेदन पत्र को काली स्याही वाले बॉल पेन से भरें और अपना रंगीन फोटो चिपकाकर दिए गए बॉक्स में हस्ताक्षर करें,
- प्रपत्र संख्या 49 ए को भरने के लिए जरूरी मार्ग-निर्देश के लिए यहाँ क्लिक करें,
- आवश्यक दस्तावेज (व्यक्तिगत पहचान व आवासीय पता का प्रमाणपत्र) तथा आवेदन शुल्क के लिए बैंक ड्राफ्ट या चेक फॉर्म के साथ नत्थी करें,
- अपने निकटतम पैन जमा केन्द्र पर जाकर आवेदन जमा करें,
- अपने नजदीकी पैन आवेदन संग्रह केन्द्र का पता जानने के लिए
- पैन कार्ड से संबंधित ऑनलाइन सेवाएँ
- प्रपत्र संख्या 49 ए को भरने के लिए जरूरी मार्ग-निर्देश के
- पैन कार्ड हेतु आवेदन पत्र संख्या 49 ए के लिए
- अपने नजदीकी पैन आवेदन संग्रह केन्द्र का पता जानने के लिए
पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन:
रिंगिंग बेल्स और एमफोन की राह पर चलते हुए जयपुर स्थित डोकॉस कंपनी ने मात्र 888 रुपये में डोकॉस एक्स1 स्मार्टफोन लॉन्च किया। इस हैंडसेट को लेकर रिंगिंग बेल्स के फ्रीडम 251 जैसा उत्साह तो नहीं देखने को मिल रहा। लेकिन हर यूज़र यह जानने के लिए उत्सुक तो ही है कि मात्र 888 रुपये वाला यह फोन कैसा होगा।
जहां फ्रीडम 251 के लिए लॉन्च इवेंट का आयोजन किया गया था और रिव्यू के लिए मीडिया को हैंडसेट भी उपलब्ध कराया गया था। ऐसा डोकॉस एक्स1 के साथ नहीं हुआ। इस सीधे लॉन्च करने की खबर आई। इसके बाद से मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आईं जिससे कई इच्छुक ग्राहकों के मन में हैंडसेट को लेकर शंका पैदा होने लगी। शायद इसी संदेह को दूर करने के मकसद अब कंपनी ने इस स्मार्टफोन की ताज़ा तस्वीरें जारी की हैं। साथ ही फेसबुक पर स्मार्टफोन के बारे में बताते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है।
वीडियो को देखकर तो यह प्रतीत होता है कि इसे कंपनी के अधिकारियों द्वारा ही बनाया गया है। वीडियो में डोकॉस एक्स1 के कुछ स्पेसिफिकेशन का ज़िक्र करने के साथ उन अधिकारियों ने कीमत को हैंडसेट की सबसे अहम खासियत बताई है।
जहां फ्रीडम 251 के लिए लॉन्च इवेंट का आयोजन किया गया था और रिव्यू के लिए मीडिया को हैंडसेट भी उपलब्ध कराया गया था। ऐसा डोकॉस एक्स1 के साथ नहीं हुआ। इस सीधे लॉन्च करने की खबर आई। इसके बाद से मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आईं जिससे कई इच्छुक ग्राहकों के मन में हैंडसेट को लेकर शंका पैदा होने लगी। शायद इसी संदेह को दूर करने के मकसद अब कंपनी ने इस स्मार्टफोन की ताज़ा तस्वीरें जारी की हैं। साथ ही फेसबुक पर स्मार्टफोन के बारे में बताते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है।
वीडियो को देखकर तो यह प्रतीत होता है कि इसे कंपनी के अधिकारियों द्वारा ही बनाया गया है। वीडियो में डोकॉस एक्स1 के कुछ स्पेसिफिकेशन का ज़िक्र करने के साथ उन अधिकारियों ने कीमत को हैंडसेट की सबसे अहम खासियत बताई है।
Don't panic real phone real images pic.twitter.com/Ntb7dW4paT— Docoss (@DocossSocial) April 28, 2016
इस स्मार्टफोन को @DocossSocial नाम के एक ट्विटर प्रोफाइल से साझा की गई हैं। इसके अलावा एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी शेयर किया गया है। इसमें हैंडसेट के बारे में बताया गया है और उसे बुक करने के प्रक्रिया के भी बारे में।
ध्यान रहे कि हम फेसबुक और ट्विटर प्रोफाइल की विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं कर सकते। लेकिन कंटेंट के आधार पर यह ज़रूर कह सकते हैं कि यह कंपनी की ओर से जारी किए गए हैं।
कंपनी ने जानकारी दी है कि इस हैंडसेट की बिक्री 2 मई से शुरू होगी। जबकि इसकी प्री-ऑर्डर बुकिंग शुक्रवार रात 10 बजे बंद हो जाएगी।
डोकॉस एक्स1 प्री-ऑर्डर बुकिंग के लिए उपलब्ध है। वैसे हमारा अपने पाठकों को सुझाव को होगा कि इससे फिलहाल बचें, क्योंकि इस स्मार्टफोन निर्माता कंपनी की पारदर्शिता रिंगिंग बेल्स या एमफोन से भी कम है।
अब बात स्पेसिफिकेशन की। डोकॉस एक्स1 में 4 इंच का डब्ल्यूवीजीए डिस्प्ले, 1.2 गीगाहर्ट्ज़ डुअल-कोर प्रोसेसर, 1 जीबी रैम, 4 जीबी रॉम, माइक्रोएसडी कार्ड सपोर्ट (32 जीबी तक), जीपीआरएस/ एज, 3जी, 1300 एमएएच की बैटरी, 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा, 0.3 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा और एंड्रॉयड 4.4.2 किटकैट है। इसका वज़न 102 ग्राम है और इसका डाइमेंशन 122.2x64.4x9.3 मिलीमीटर।
ध्यान रहे कि हम फेसबुक और ट्विटर प्रोफाइल की विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं कर सकते। लेकिन कंटेंट के आधार पर यह ज़रूर कह सकते हैं कि यह कंपनी की ओर से जारी किए गए हैं।
कंपनी ने जानकारी दी है कि इस हैंडसेट की बिक्री 2 मई से शुरू होगी। जबकि इसकी प्री-ऑर्डर बुकिंग शुक्रवार रात 10 बजे बंद हो जाएगी।
डोकॉस एक्स1 प्री-ऑर्डर बुकिंग के लिए उपलब्ध है। वैसे हमारा अपने पाठकों को सुझाव को होगा कि इससे फिलहाल बचें, क्योंकि इस स्मार्टफोन निर्माता कंपनी की पारदर्शिता रिंगिंग बेल्स या एमफोन से भी कम है।
अब बात स्पेसिफिकेशन की। डोकॉस एक्स1 में 4 इंच का डब्ल्यूवीजीए डिस्प्ले, 1.2 गीगाहर्ट्ज़ डुअल-कोर प्रोसेसर, 1 जीबी रैम, 4 जीबी रॉम, माइक्रोएसडी कार्ड सपोर्ट (32 जीबी तक), जीपीआरएस/ एज, 3जी, 1300 एमएएच की बैटरी, 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा, 0.3 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा और एंड्रॉयड 4.4.2 किटकैट है। इसका वज़न 102 ग्राम है और इसका डाइमेंशन 122.2x64.4x9.3 मिलीमीटर।
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